शर्मनाक: CJI रंजन गोगोई को क्लीन चिट मिलने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को दिल्ली पुलिस ने घंटों तक थाने में रखा बंद
दोपहर साढ़े तीन बजे सभी महिलाओं को पुलिस स्टेशन से छोड़ दिया गया है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के मामले में क्लीन चिट दिए जाने को लेकर आज, 8 मई को प्रगतिशील महिला संगठन (पीएमएस) के बैनर तले महिलाओं ने दिल्ली के राजीव चौक पर प्रदर्शन किया. इसी दौरान इन महिलाओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. महिलाओं को पुलिस वैन में भरकर मंदिर मार्ग थाना ले जाया गया.
दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के मामले में क्लीन चिट मिलने और मामले की जांच कर रही समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने के ख़िलाफ़ महिलाएं राजीव चौक के मेट्रो स्टेशन के गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रहा थीं.
प्रदर्शन में शामिल सर्तक नागरिक संगठन की अमृता जौहरी ने फोन और ट्विटर के माध्यम से बताया, “हम महिलाएं चीफ रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के मामले में क्लीन चिट मिलने का विरोध कर रहे थे. हमारे विरोध प्रदर्शन को सिर्फ 5 मिनट ही हुए थे तभी पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया. लगभग 16-17 महिलाएं लगभग घंटों से पुलिस स्टेशन में है. हमें कब तक छोड़ा जाएगा इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है.”
Women protesting against clean chit to CJI picked up from outside metro station. Demand was complainant be given copy of report, independent inquiry. 10 detained at Mandir Marg thana.
– @AnjaliB_ Amrita, Aysha, Rashmi, Preeti, Poonam, Nandini, Sweta Dash, Prerna, Riddhi (journo) pic.twitter.com/tlZp7kM7mM— Amrita Johri (@johriamrita) May 8, 2019
अमृता ने आरोप लगाया, “एसएचओ विक्रमजीत ने मीडिया को सूचित किया है कि पुलिस स्टेशन में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया. यह झूठ है- पुलिस ने हमारे 16 लोगों को हिरासत में लिया है.”
It's been 2.5 hours, we are still detained. SHO Mandir Marg Vikramjit has informed media that no one is detained in the police station. That is a lie- there are 16 of us here right now. They are not letting us leave. pic.twitter.com/ytVa7mZMU6
— Amrita Johri (@johriamrita) May 8, 2019
हालांकि दोपहर साढ़े तीन बजे सभी महिलाओं को पुलिस स्टेशन से छोड़ दिया गया है.
ग़ौरतलब है कि बीते दिन सुप्रीम कोर्ट के बाहर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था.
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इस मामले में न्यूज़सेन्ट्रल24×7 ने मंदिर मार्ग थाना के एसएचओ विक्रमजीत से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया. वहीं थाने पहुंची न्यूज़सेन्ट्रल24×7 को पुलिस स्टेशन के अंदर जाने या किसी पुलिसकर्मी से बातचीत करने की भी अनुमति नहीं दी गई.
जब न्यूज़सेन्ट्रल24X7 ने इस मामले को लेकर एसीपी अखिलेश यादव से बात की तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि हमारे पास इतना टाइम नहीं है और फोन काट दिया.
इस विरोध में शामिल हुई महिलाओं की मांग है कि समिति द्वारा जिस रिपोर्ट के आधार पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए आरोपों से मुक्त किया गया है, उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और पूर्व महिला कर्मचारी को रिपोर्ट की प्रति दी जाए.
ग़ौरतलब है कि चीफ जस्टिस पर लगे आरोप की जांच कर रही जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली आतंरिक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महिला कर्मचारी के आरोपों में कोई तथ्य नहीं है. जिसके चलते चीफ जस्टिस को क्लीन चिट दे दी गई. सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर नोटिस लगाया गया जिसमें कहा गया कि चूंकि ये इनहाउस कमेटी की रिपोर्ट है इसलिए इसे सार्वजनिक करना जरूरी नहीं है.
बता दें कि बीते 19 अप्रैल को शीर्ष अदालत की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि जब वह सीजेआई रंजन गोगोई के आवास पर काम करती थीं, उस समय गोगोई ने उनका यौन उत्पीड़न किया था. हालांकि बाद में पूर्व महिला कर्मचारी ने खुद को कार्यवाही से बाहर कर दिया था. उन्होंने कहा था कि समिति का वातावरण बहुत भयावह रहा है. उन्होंने कहा, “मैं बेबस और व्यथित महसूस कर रही हूं और मैं इस सुनवाई में आगे भाग नहीं ले सकती.”
ग़ौरतलब है कि चीफ जस्टिस को यौन उत्पीड़न के मामले में क्लीन चिट मिलने पर आरोप लगाने वाली महिला ने कहा था कि एक भारतीय महिला नागरिक के तौर पर मेरे साथ घोर अन्याय हुआ है.
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