देश के ऊपर एक विचारधारा को थोप रही है मोदी सरकार : राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, आज देश में एक भी संस्थान ऐसा नहीं है, जहाँ आरएसएस के लोग नहीं हैं।

जनता के सवाल:
प्रश्न 1 – देश के ऊपर संघ की विचारधारा को थोपना कितना ख़तरनाक है?
प्रश्न 2 – शिक्षण संस्थानों में आएसएस का हस्तक्षेप क्या भारत के लिए ख़तरा है?
प्रश्न 3 – सरकारी की बजाय प्राइवेट संस्थानों को बढ़ावा देने का क्या है उद्देश्य?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार देश के लोगों पर आरएसएस की विचारधारा थोप रही है, जो देश की संस्कृति के लिए ख़तरा है। उन्होंने कहा कि एक ऐसे विचार की बदौलत भारत को नहीं चलाया जा सकता है।
मोदी सरकार की शिक्षा नीतियों पर हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के बजाय सरकारी संस्थाओं पर ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “सरकारी संस्थानों को शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल प्रस्तुत करना चाहिए। सरकार को सरकारी शिक्षण संस्थानों के विकास के लिए फंड बढ़ाने चाहिए।” शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष शिक्षाविदों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के लोगों के बीच एक विचारधारा को थोपा जा रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “आप सभी को लगता होगा कि आज एक विचारधारा आपके ऊपर थोपी जा रही है। आज देश के किसान से लेकर मजदूर तक सभी लोगों को यह चिंता सता रही है।”
उन्होंने कहा कि पिछले 3000 सालों के इतिहास में भारत ने विभिन्न प्रकार के विचारों और मतों को जगह दी है, यही भारत की खूबसूरती है।
इस दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने, एक आदमी को एसपीजी का प्रमुख बनाया गया। कुछ दिनों के बाद उस अधिकारी ने मुझसे कहा कि वह अपने पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं। कारण पूछने पर बताया कि उनके पास संघ से जुड़े लोगों की लिस्ट भेजी गई है, जिन्हें एसपीजी में बहाल करने का दबाव है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज देश में एक भी संस्थान ऐसा नहीं है, जहाँ आरएसएस के लोग नहीं हैं।
पीटीआई इनपुट्स पर आधारित