सनसनीख़ेज़ खुलासा: मोदी सरकार ने रफ़ाएल सौदे में रिलायंस को साझीदार बनाने के लिए दसॉल्ट को किया था मजबूर
फ़्रेच न्यूज़ पोर्टल 'मीडियापार्ट' के हाथ लगे गोपनीय दस्तावेज़ खुलासा हुआ है कि रफ़ाएल सौदे में रिलायंस को साझीदार बनाना 'अनिवार्य और आवश्यक' शर्त थी।

रफ़ाएल विमान सौदे में कथित अनियमितताओं के शोरगुल के बीच मोदी सरकार एकबार फिर घिरती नज़र आ रही है। दरअसल, एक फ़्रेच न्यूज़ पोर्टल ‘मीडियापार्ट’ को रफ़ाएल सौदे से संबंधित एक महत्वपूर्ण गोपनीय दस्तावेज़ हाथ लगी है। दस्तावेज़ से इस बात का सनसनीख़ेज़ खुलासा हुआ है कि दसॉल्ट को इस सौदे के लिए रिलायंस डिफेंस को अपने भारतीय साझीदार के रूप में इसलिए लेना पड़ा क्योंकि उसे इस शर्त के लिए मजबूर किया गया था। सौदे में इसे ‘अनिवार्य और आवश्यक’ बना दिया गया।
दस्तावेज़ से यह बात भी सामने निकलकर आई है कि मोदी सरकार ने दसॉल्ट एविएशन के सामने रिलायंस डिफेंस को इस सौदे में भारतीय साझीदार बनाने को लिए ‘ट्रेड अॉफ’ यानी लेन-देन की शर्त रखी थी, जिससे फ़्रेच कंपनी को हर हाल में रिलांयस को चुनने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
मीडिया पार्ट ने प्राप्त दस्तावेज़ों के आधार पर ‘अनिवार्य और आवश्यक’ शर्त के बारे में ख़बर प्रकाशित किया है कि इस शर्त के बारे में दसॉल्ट एविएशन के डिप्टी सीईयो लोइक सेगानेल ने उस समय अपने कर्मचारियों के सामने स्पष्ट कर दी थी जब मई 2017 में उन्होंने रिलायंस डिफेंस को साथ नागपुर में दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस नाम से संयुक्त उपक्रम लगाने का ऐलान किया था।
नए खुलासे के बाद मोदी सरकार की वो झूठ पकड़ी गई है कि जो उसने संसद में बोली थी। मोदी सरकार के अनुसार रफ़ाएल सौदा दो देश के सरकारों के बीच गोपनीय सौदा है। मीडिया पार्ट के खुलासे से यह पता चलता है कि उद्योगपति अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस इस सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका में थी।
ताज़ा खुलासे से कांग्रेस एकबार फिर मोदी सरकार पर हमलावार हो गई है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि “फ्रांस के मीडिया में राफेल को लेकर विस्फोट खुलासा, जिससे पता चलता है कि रिलांयस डिफेंस को दसॉल्ट का पार्टनर ट्रेड अॉफ डील के तहत बनाया गया था।”
Explosive revelation in French media: an internal Dassault document says the Reliance offset deal was a “trade-off”, “imperative and obligatory” to clinch the #Rafale deal. @INCIndia https://t.co/2xiMmgwL9K
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 10, 2018
वरिष्ठ वक़ील प्रशांत भूषण ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस खुलासे यह साबित हो जाता है कि नरेंद्र मोदी ने ही फ्रांस को रिलायंस डिफेंस को दसॉल्ट का साझीदार बनाने के लिए मजबूर किया। इससे अब ओलांद की बाद भी सच साबित हो गई।
Another smoking gun in the #RafaleScam! French media which reported Hollande's statement that the Indian Govt insisted on Reliance as offset partner,has reported that Dassault's internal document shows that Ambani was made obligatory in this deal by India!https://t.co/h2af9z30vv
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 10, 2018
गौरतलब है कि पिछले दिनों फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने कहा था कि रिलायंस डिफेंस का रफ़ाएल सौदे में दसॉल्ट का साझीदार बनाने के अलावा कोई चारा नहीं था, क्योंकि भारत सरकार ने साझीदार कंपनी के रूप में केवल रिलांयस डिफेंस का नाम सुझाया था।