क्या IIT वाराणसी के छात्रों ने दीक्षांत समारोह में काले पोशाक के बदले पारंपरिक पोशाक पहने थे?
ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल

“IIT वाराणसी और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों ने अपने दीक्षांत समारोह में यूरोपीयन काले पोशाक को छोड़ कर भारतीय पारंपरिक पोशाक को पहनना पसंद किया।”- (अनुवाद) इस संदेश को आप नीचे दी हुई तस्वीर में पढ़ सकते है, जिसे फेसबुक पर 46,000 बार से ज़्यादा बार साझा किया गया है। इन छात्रों की तस्वीर को इंडिया 360 नामक फेसबुक पेज ने साझा किया है, जिसमें यह दिखाया गया है कि छात्र अब यूरोपीयन काले पोशाक को स्नातक समारोह में पहनने की औपचारिकता की प्रथा को खत्म कर रहे हैं।
यह तस्वीर 2018 में भी वायरल हुई थी और अभी भी इसे ट्वीटर और फेसबुक पर साझा किया जा रहा है।
इससे पहले 2017 में भी शिक्षाविद मधु पूर्णिमा किश्वर और हिंदुवादी विचारक राजीव मल्होत्रा ने इस तस्वीर को IIT बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का बताकर साझा किया था।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी जांच पड़ताल में पाया कि, यह तस्वीर जिसमें छात्र भारतीय पारंपरिक पोशाक पहने हुए दिखाई दे रहे हैं, यह तस्वीर अंतर्राष्ट्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), हैदराबाद के दीक्षांत समारोह की है नाकि IIT-वाराणसी की। इस तस्वीर को संस्थान के 15 वें दीक्षांत समारोह, 2016 के दौरान लिया गया था।
A saga ends. Another begins!
Pictures from the 15th annual convocation of IIIT Hyderabad on 13th August, 2016. pic.twitter.com/RmkAvoZq7y— IIIT Hyderabad (@iiit_hyderabad) August 14, 2016
इसके अलावा, जहां तक छात्रों द्वारा दीक्षांत समारोह में काले पोशाक को त्यागने का दावा है वो भी गलत है, क्योंकि IIIT- हैदराबाद द्वारा 2011 से दीक्षांत समारोह के दौरान अपने छात्रों को भारतीय पारंपरिक पोशाक पहनने को कहा गया है। उदाहरण के लिए, 2013 के दीक्षांत समारोह की तस्वीर को नीचे देखा जा सकता है।
ऑल्ट न्यूज़ ने संस्थान की ऑफिशल वेबसाइट पर वर्ष 2012 से उपलब्ध एक सूचनापत्र देखा, जिसके मुताबिक सभी छात्रों को सूचित गया है कि, “ड्रेस-कोड : पिछले साल के चलन को जारी रखा जायेगा। हम अपने लोकाचार के हिसाब से ड्रेस कोड को आगे बढ़ाएंगे। नीचे दिया हुआ ड्रेस कोड 2012 के दीक्षांत समारोह के लिए लागू किया गया है। (अनुवाद)
उपरोक्त तस्वीर से पता चलता है कि संस्था द्वारा इस ड्रेस कोड को लागू किया गया है, इसमें छात्रों की कोई पहल नहीं हैं जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया गया। जहां तक इस दावे का सवाल है यह सब औपचारिक प्रथा को त्यागने के लिए किया गया है, तो मीडिया संगठनो द्वारा ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं की गई है और संस्था द्वारा जारी किये गए सूचना पत्र में भी ऐसी कोई जानकारी नहीं हैं जिसमें पारंपरिकता पर ज़ोर दिया गया हैं।
IIT-वाराणसी ने औपचारिक प्रथा को त्यागा
यह ध्यान देने योग्य बात है कि, IIT-बीएचयू ने 2013 के स्नातक समारोह में काले कपड़े पहनने के पुराने रिवाज़ को नकार कर भारतीय पारंपरिक पोशाक अपनाया था।
निष्कर्ष के रूप में, एक संस्थान के दीक्षांत समारोह की पुरानी तस्वीर को इस दावे के साथ साझा किया गया कि छात्रों के द्वारा स्नातक समारोह में काला पोशाक पहनने की प्रथा को नकारा गया है।