गुजरात: ऊंची जाति के लोगों ने दलित दंपति को बर्बरता से पीटा, पीड़ित ने कहा- गांव के मंदिर में दलितों की शादी नहीं होने देती BJP सरकार
पुलिस ने पीड़ित के ख़िलाफ़ 'विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' और 'अश्लीलता' के लिए मामला दर्ज किया है.

गुजरात के वडोदरा में एक दलित दंपत्ति पर उच्च जाति के लोगों द्वारा कथित तौर पर हमला करने का ताज़ा मामला सामने आया है. वडोदरा के पादरा तालुका के महुवद गांव में बीते सोमवार को करीब 200 से 300 सवर्ण जाति की भीड़ ने दलित जोड़े पर हमला कर दिया. क्योंकि उसने कथित तौर पर फेसबुक पर पोस्ट कर गांव के मंदिर में दलित विवाह समारोह की अनुमति न होने की जानकारी दी.
कैच न्यूज़ की ख़बर के मुताबिक पीड़ित प्रवीण मकवाना ने कथित तौर पर फेसबुक पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा, “सरकार दलितों के विवाह समारोह के लिए गांव के मंदिर का उपयोग करने की अनुमति नहीं देती है.” कैच न्यूज़ के मुताबिक, पुलिस ने 11 लोगों और भीड़ के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. वहीं, फेसबुक पर पोस्ट करने पर पीड़ित पक्ष पर भी विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है.
दरअसल, बीते गुरुवार को पीड़ित व्यक्ति की पत्नी तरुलताबेन मकवाना ने घर पर हमला करने, पति को पीटने, पथराव करने और फेसबुक पर धमकाने के लिए के लिए वाडू पुलिस स्टेशन में 11 नामाजद लोग और 200 से 300 लोगों की भीड़ के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है.
तरुलताबेन ने अपने शिकायत में कहा, “भीड़ पाइप, लाठी और अन्य हथियारों के साथ उसके घर पहुंची और अपमानजनक टिप्पणी करने लगी. जब वह उन्हें रोकने के लिए अपने घर से बाहर निकली तब भीड़ ने उसे थप्पड़ मारा और फिर भीड़ लोग घर में घुस गई. उसके पति प्रवीण को घर से बाहर खींच लिया और उसकी पिटाई कर दी.”
पीड़िता ने अपने बयान में कहा, “भीड़ ने उसके पति को यह भी धमकी दी कि वह फेसबुक पोस्ट को डिलिट कर दे नहीं तो दंपति को इसका परिणाम भुगतना होगा.”
पुलिस ने अभियुक्तों के ख़िलाफ़ धारा 143 (गैरक़ानूनी जनसमूह का सदस्य), 147, 149, 452, 336, 323, 504, 506 (2) (आपराधिक धमकी) और आईपीसी के अत्याचार अधिनियम के एससी/एसटी रोकथाम के संबंधित वर्गों के तहत मामला दर्ज किया है.
इस मामले की जांच कर रहे वडोदर के पुलिस अधिक्षक रवींद्र पटेल ने कहा, “शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस टीम को गांव में तैनात किया गया है. हम मामले में ग्रामीणों और चश्मदीदों के बयान दर्ज कर रहे हैं. अभी तक एफआईआर के तहत किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है.”
पुलिस पीड़ित प्रवीण द्वारा बताए गए तथ्यों की भी पुष्टि कर रही है कि दलितों को मंदिर किराए पर देने की बता सही है या नहीं. पटेल ने कहा, “अब तक किसी ने भी इस बारे में पुष्टि नहीं की है. फिलहाल किसी भी तरह ही हिंसा से बचने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है.”
वहीं राजपूत शक्ति युवा संगठन की पादरा इकाई के महासचिव किरण पदहियार ने पीड़ित प्रवीण के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई. किरण ने कहा, “प्रवीण ने अपने पोस्ट के माध्यम से दो समुदायों के बीच तनाव और दुश्मनी पैदा करने की कोशिश की.”
उन्होंने कहा कि प्रवीण ने 14 मई को की गई फेसबुक पोस्ट में कहा कि, आपकी लोकतांत्रिक भाजपा सरकार ने वडोदरा के पादरा तालुका के महुवाड़ गांव में स्थित रणछोड़ जी मंदिर को दलित समुदाय के शादी समारोह के लिए किराए पर नहीं दिया. इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए लोगों ने राजपूत समुदाय के उपर गलत टिप्पणी की.
इस शिकायत पर पुलिस ने प्रवीण मकवाना के ख़िलाफ़ धारा 11(a) और (b) (धर्म, जाति व भाषा के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने), धारा 294 और धारा 406 (आईपीसी के आपराधिक उल्लंघन की सजा) के तहत एफआईआर दर्ज की है.