फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति बोले- अपने बयान पर अब भी हूँ कायम, अंबानी को ही राफेल सौदा दिलाना चाहते थे मोदी
फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था, जिसके कारण राफेल सौदे के लिए रिलायंस को चुना गया।

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि वह अपने पिछले बयान पर अब भी कायम हैं कि मोदी सरकार ने ही रिलायंस डिफेंस का नाम राफेल सौदे के लिए प्रस्तावित किया था। समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में फ्रांस्वा ओलांद के कार्यालय ने कहा है कि वह शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति द्वारा दिए गए बयान पर अब भी कायम है।
Breaking: Hollande office tells @ndtv it stands by his statement on #rafale
— Suparna Singh (@Suparna_Singh) September 22, 2018
इससे पहले शुक्रवार को फ्रांसीसी मीडिया ने कहा था कि फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि मोदी सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था, जिसके कारण राफेल सौदे के लिए रिलायंस को चुना गया।
बता दें कि शुक्रवार को मीडियापार्ट से बातचीत में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत सरकार ने राफेल डील के लिए सिर्फ रिलायंस को ही प्रस्तावित किया था जिसके कारण हमारे पास दूसरा कोई विकल्प मौजूद नहीं था।
गौरतलब है कि मोदी सरकार यह दावा करती रही है कि दसॉल्ट ने खुद ही रिलायंस को डील के लिए चुना था, इसमें भारत सरकार का कोई हाथ नहीं था। सरकार ने कहा था कि इस डील में भारतीय रक्षा मंत्रालय का कोई हाथ नहीं था। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति का बयान सामने के बाद इस मामले पर मोदी सरकार की सच्चाई सामने आ गई है।
इससे पहले मोदी सरकार ने कहा था कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड राफेल विमानों के निर्माण में सक्षम नहीं था। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पिछली यूपीए सरकार ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को इस डील से बाहर कर दिया था।
अब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद का बयान आने के बाद इस मामले की सच्चाई सामने आ गई है
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