अकबर का इस्तीफ़ा हो गया, महिला पत्रकार संगठनों की जीत-रवीश कुमार
बीजेपी और मोदी सरकार अंत अंत तक अकबर के पक्ष में खड़े रहे। अकबर के ख़िलाफ़ राज्य सभा के सभापति को भी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हें तय करना चाहिए कि सदन की कार्रवाई का तरीक़ा क्या हो। अकबर के मामले में मोदी फ़ेल रहे।

महिला पत्रकारों की यह बड़ी जीत हैं। गोदी मीडिया के पत्रकार कहानी बनाएँगे कि फ़लाँ महापुरुष ये नहीं चाहते थे वो नहीं चाहते थे मगर तथ्य यही है कि महिला पत्रकारों और उनके संगठनों की निरंतर लड़ाई के कारण यह जीत मिली है। इनकी लड़ाई के आगे सरकार की इस्तीफ़ा न दिलाने के तर्क और ज़िद नहीं चली। सभी महिला पत्रकारों को बधाई। उन सभी पत्रकारों को भी जो न्यूज़ रूम के इस कथित आततायी को इस्तीफ़ा दिलाने की लड़ाई में साथ थे। गोदी मीडिया कहानी कहेगा कि मोदी नहीं चाहते थे तो भागवत नहीं चाहते थे मगर सोलह महिला पत्रकारों के आरोपों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। बीजेपी और मोदी सरकार अंत अंत तक अकबर के पक्ष में खड़े रहे। अकबर के ख़िलाफ़ राज्य सभा के सभापति को भी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हें तय करना चाहिए कि सदन की कार्रवाई का तरीक़ा क्या हो। अकबर के मामले में मोदी फ़ेल रहे। अकबर ने इस्तीफ देकर उन्हें ग्रेस नंबर देने की कोशिश की है।