महिला पत्रकारों की बड़ी जीत: विदेश राज्यमंत्री के पद से एम जे अकबर का इस्तीफ़ा
एमजे अकबर ने अपने इस्तीफ़े में लिखा है कि वे यौन शोषण के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराना चाहते हैं और इसलिए अपने पद पर बने रहना उचित नहीं समझते।

यौन शोषण के आरोपों से घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है। पत्रकार प्रिया रमानी सहित कई महिलाओं ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। बुधवार शाम को उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना इस्तीफ़ा सौंपा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एमजे अकबर ने अपने इस्तीफ़े में लिखा है कि वे यौन शोषण के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराना चाहते हैं और इसलिए अपने पद पर बने रहना उचित नहीं समझते। उन्होंने लिखा है कि अब अपने व्यक्तिगत ख़र्चे से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हालांकि अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। इसके साथ ही उन्होंने विदेश मंत्रालय में जगह देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज को धन्यवाद भी दिया है।
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/dxf4EtFl5P
— ANI (@ANI) October 17, 2018
अकबर के इस्तीफे पर प्रिया रमानी ने कहा है कि उनके इस्तीफ़े से हमें मजबूती मिली है और हमें उस दिन का इंतजार है जब हम अदालत में भी कानूनी लड़ाई को जीतेंगे।
As women we feel vindicated by MJ Akbar’s resignation.
I look forward to the day when I will also get justice in court #metoo— Priya Ramani (@priyaramani) October 17, 2018
ग़ौरतलब है कि एमजे अकबर की पूर्व सहयोगी प्रिया रमानी सहित कई महिला पत्रकारों ने उनके ऊपर यौन शोषण के संगीन आरोप लगाए थे। इसके बाद आरोपों से आगबबूला होकर अकबर ने प्रिया रमानी पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज़ कराया था। इसके बाद देशभर के पत्रकार संगठनों ने अकबर के इस कदम का विरोध किया था। तीन दर्जन से अधिक महिला पत्रकारों ने प्रिया रमानी के समर्थन में उतरकर एमजे अकबर के ख़िलाफ़ न्यायालय में जाने की बात कही है।