यह फैसला उस विश्वास के साथ एक बड़ा धोखा है जो 1947 में जम्मू-कश्मीर के नागरिकों ने भारत में जताया था- धारा 370 हटाने पर बोले उमर अब्दुल्लाह
केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प में पेश कर दिया है.

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले को कॉन्फ़्रेस नेशनल पार्टी के नेता उमर अब्दुल्लाह ने एकतरफ़ा, अवैध और असंवैधानिक बताया है. उन्होंने इस फैसले को आगे चुनौती देने के साथ एक कठिन और लंबी लड़ाई लड़ने की बात कही है.
नेशनल कॉन्फ़्रेंस के द्वारा जारी किए गए विज्ञप्ति में अब्दुल्लाह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किया गए यह एकतरफ़ा और चौंकाने वाला फैसला उस विश्वास के साथ एक बड़ा धोखा है, जो 1947 में जम्मू-कश्मीर के नागरिकों ने भारत में जताया था. इस फैसले के दूरगामी और बहुत ख़तरनाक परिणाम होंगे.
उन्होंने कहा, “हमने कल ही एक सर्वदलीय बैठक में यह चेतावनी दी थी कि यह क्रियाकलाप राज्य के लोगों के ख़िलाफ़ एक आक्रामकता है. लेकिन सरकार ने इस फैसले को लागू करने के लिए पिछले एक हफ़्ते से छल और चोरी का सहारा लिया है.”
उन्होंने आगे कहा कि, “भारत सरकार को लेकर हमारी गहरी आशंकाएं दुर्भाग्य से सच हुई है. जबकि सरकार की प्रतिनिधियों ने हमसे झूठ बोला था कि ऐसी कोई बड़ी योजना नहीं बनाई गई है. यह घोषणा ऐसे समय में की गई जब घाटी के साथ साथ पूरा कश्मीर सैनिक छावनी में बदल दी गई थी. हममें से जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर को लोकतांत्रिक आवाज़ दी, वे आज असंतुष्ट हैं क्योंकि लाखों सशस्त्र सैनिकों को ज़मीन पर उतार दिया गया है.”
अब्दुल्लाह ने आगे के लिए अपने वक्तव्य में कहा कि राज्य के परिग्रहण पर मौलिक प्रश्न उठाएं, क्योंकि यह इन अनुच्छेदों में वर्णित बहुत शर्तों के आधार पर किया गया था. केंद्र सरकार यह फैसला एकतरफ़ा, अवैध और असंवैधानिक है. जिसे हम आगे चुनौति देने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार है.
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प में पेश कर दिया है. अब धारा 370 के सभी अनुच्छेद लागू नहीं होंगे. सिर्फ 1 खंड रहेगा. इसके अनुसार जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा. साथ ही साथ लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया जाएगा.