जनवरी का आखिरी झूठ ?, मोदी जी ने कहा- आजकल बलात्कारियों को एक महीने से कम समय में दे दी जाती है फांसी
बलात्कार के मामलों पर बेटियों को न्याय दिलाने के झूठे वादे करते पीएम मोदी अपनी ही पार्टी के बलात्कार आरोपियों पर बोलने से बचते रहे हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी का सूरत में बोला गया एक और झूठ सामने आया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा है कि दोषी अब तीन, सात, ग्यारह, या महीने भर के अंदर फांसी चढ़ा दिए जाते हैं जो कि सरासर गलत है.
PM Narendra Modi in Surat: There used to be rapes in this country earlier too, it is a shame that we still hear about such cases. Now, culprits are hanged within 3 days, 7days, 11 days & a month. Steps are being taken continuously to get daughters justice & results are evident. pic.twitter.com/eA1SBipQUH
— ANI (@ANI) January 30, 2019
बीते 15 सालों में केवल चार मामलों में ऐसा हुआ है जब दोषियों को फांसी हुई है. इनमें बलात्कार और हत्या का केवल एक मामला था जिसमें 15 साल पहले, अगस्त 2004 को धनंजय चटर्जी नामक व्यक्ति को फांसी हुई थी.
हालांकि अपने देश में हुई फांसी पर किसी प्रधानमंत्री का इस तरह से शेखी बघारना बेहद शर्मनाक है. कई जांचों के बाद ये पाया गया है कि मौत की सज़ा के डर से भी बलात्कर जैसी घटनाओं पर कोई लगाम नहीं लगती उल्टे इसकी वजह से पीड़िता को ही अपनी जान गंवानी पड़ जाती है.
यहां पीएम मोदी अपनी ही पार्टी के नेताओं के उन आचरण को भूल गए लगते हैं जो कठुआ और उन्नाव में हुआ था. पूरे देश को झकझोर देने वाले इन दो मामलों में आठ साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या के आरोपी के समर्थन में भाजपा नेताओं ने रैली तक निकाली थी.
उन्नाव में 16 साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास बड़ी सी मुस्कान लिए हुए बैठे नज़र आए थे. बच्ची के घर वालों के मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्महत्या करने के प्रयास के बाद ही देश का ध्यान इस मामले पर गया था.
पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो जाने के बाद भी पुलिस बलात्कार केस में एफ़आईआर दर्ज करने से कतराती रही थी. देश में भड़के आक्रोश के बाद सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई. विधायक सेंगर के खिलाफ़ चार्जशीट दाखिल करने के बाद से अभी तक पीड़ित परिवार को कोई न्याय नहीं मिल पाया है. विधायक के समर्थकों और पुलिस की ओर से मानहानि का आरोप लगा कर आए दिन उन्हें ही परेशान किया जा रहा है.
एक अन्य मामले में ‘मी टू’ अभियान के तहत भाजपा के सांसद और पीएम मोदी की कैबिनेट के मंत्री रहे एम जे अकबर पर 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. हफ्तों बाद अकबर ने अपना इस्तीफ़ा सौंपा था. इस मामले पर भी पीएम मोदी और भाजपा के सभी नेताओं ने चुप्पी साध ली थी.
ग़ौरतलब है कि मोदी सरकार ने साल 2017 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड बयूरो के आंकड़े अभी तक जारी नहीं किए हैं.
(न्यूज़सेंट्रल24X7 उसूलन, सजा-ए-मौत के ख़िलाफ़ है.)