ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा को दक्षिणपंथियों ने दी जान से मारने की धमकी
'जान से मारने' और 'सड़क पर सबक सिखाने' की धमकी मिलने के बाद प्रतीक के समर्थन में आये ध्रुव राठी समेत कई लोग

फ़ेक ख़बरों की पड़ताल करने वाली वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ के संस्थापक सदस्यों में से एक प्रतीक सिन्हा को ट्विटर पर दो अज्ञात लोगों ने जान से मारने की धमकी दी.
बीते दो दिनों के अंदर दो अलग-अलग ट्विटर अकाउंट्स से प्रतीक को मारने-धमकाने की वारदात हुई है. संजीव दास नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि प्रतीक जैसे लोग ऐसी बातें इसीलिए कर लेते हैं क्योंकि दक्षिणपंथी संगठन अहिंसा के रास्ते पर चलते हैं.
Joke of the day: "RW is usually non-violent" ? pic.twitter.com/UZ4wcOIwGe
— Pratik Sinha (@free_thinker) January 26, 2019
घटना के बारे में प्रतीक का कहना है कि उन्हें फ़ोन पर भी पहले ऐसी धमकियां मिलती रही हैं जिनकी रिपोर्ट वो पुलिस में दर्ज कराते रहे हैं, मगर ट्विटर पर मिली धमकियों की अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं की है. अगर ये ऐसे ही बढ़ता रहता है तो मुमकिन है कि उन्हें पुलिस को इत्तला करना पड़े.
इससे पहले सिन्हा ने पहले मिली धमकी को ट्विटर पर रिपोर्ट भी किया मगर ट्विटर की ओर से मिले ईमेल पर उनसे कहा गया की अमुक ट्वीट, ट्विटर के नियमों का उल्लंघन नहीं करता है.
Deleted by @Domapnie pic.twitter.com/W0MrYGfg0j
— Pratik Sinha (@free_thinker) January 25, 2019
पिछले दिनों फेक खबरें और दुष्प्रचार फैलाने वाले कई दक्षिणपंथी ट्रोल्स की ट्विटर पर पहचान उजागर करने के बाद से ही सिन्हा दक्षिणपंथी ट्रोलर्स के निशाने पर रहे थें. हालांकि उनके काम की कई ट्विटर उपभोक्ता तारीफ़ भी करते हैं, जिनमें महिलाएं प्रमुख हैं.
अपने वीडियो संदेश के ज़रिये लोगों को जागरूक करने वाले ध्रुव राठी भी प्रतीक सिन्हा के बचाव में आये हैं. उन्होंने लिखा है कि “सिन्हा साम्प्रदायिक माहौल में ज़हर फैलाने वाले लोगों को बुरी तरह से बेनकाब करते रहे हैं. सही मायनों में वे देश के संवैधानिक मूल्यों का बचाव करते हैं.” ध्रुव ने उन्हें असल देशभक्त बताते हुए इस तरह धमकी दिए जाने को गलत ठहराया.
दक्षिणपंथी ताकतों के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को इस तरह सोशल मीडिया पर इससे पहले भी कई बार धमकाया और निशाना बनाया जाता रहा है. रवीश कुमार, राना अय्यूब, स्वाति चतुर्वेदी, अभिसार, राजदीप जैसे कई पत्रकार और स्वतंत्र विचारक इनके निशाने पर रहते हैं.