शर्मनाक: प्रेस क्लब ने कश्मीर के मौजूदा हालात पर विडियो फुटेज दिखाने की नहीं दी अनुमति
सीपीआई (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की नेता कविता कृष्णन, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 9 अगस्त से 13 अगस्त के बीच जम्मू कश्मीर का दौरा किया था.

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विवादित प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद राज्य की स्थिति का आकलन करके लौटी सीपीआई (एम एल) की नेता कविता कृष्णन, नेशनल एलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट्स, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन्स एसोशियसन के सदस्यों और अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज दिल्ली के प्रेस क्लब से विडियो और फोटो आधारित रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले थे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया.
Reminder: come to Press Club of India (Raisina Road, Delhi) at 12 noon onwards where Jean Drèze (economist), @MaimoonaMollah (AIDWA) @vimalbhai11 (@NAPM) & @kavita_krishnan of @cpimlliberation will be releasing a report of a 5-day visit to Kashmir, + photo & video documentation
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) August 14, 2019
A solidarity team – Jean Drèze, economist, @kavita_krishnan of AIPWA, @MaimoonaMollah of AIDWA & @vimalbhai11 of @NAPM hv just returned frm extensive travels across Kashmir. Situation isn't what most media is showing. We will release a report at a PC at Press Club, 14 Aug 12 noon pic.twitter.com/Q9E4rn8ApO
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) August 13, 2019
सीपीआई (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की नेता कविता कृष्णन, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता 9 अगस्त से 13 अगस्त के बीच जम्मू-कश्मीर दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने सोपोर, बांदीपुरा, अनंतनाग, शोपियां और पाम्पोर का दौरा किया. वहां से लौट कर उन्हें 14 अगस्त की दोपहर को दिल्ली के प्रेस क्लब में विडियो फुटेज और फोटोग्राफ के जरिए कश्मीर का मौजूदा हालात दर्शाना था, लेकिन प्रेस क्लब ने विडियो प्रस्तुतीकरण की अनुमति नहीं दी. हिन्दुस्तान टाइम्स की पत्रकार दीपांजना पाल ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी, “दुर्भाग्यवश हमें जानकारी मिली है कि प्रेस क्लब हमें प्रोजेक्टर का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे रहा है. ऐसा लगता है कि किसी ने उन्हें ऐसा करने से मना किया है.”
At the press conference earlier today, @kavita_krishnan said, "Unfortunately we have been informed here that the Press Club [of India] is not allowing us to use the projector at all. It seems they have been specifically told not to allow us to air our footage." https://t.co/0lNNu4AX6R
— Deepanjana (@dpanjana) August 14, 2019
कविता कृष्णन ने कहा कि इन रिपोर्टों को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा, जिन्हें पत्रकार ले सकते हैं. दीपांजना पाल ने इसे मीडिया पर नियंत्रण बताया.
This is censorship. There are those who may say it isn't because hey, it's not like the press conference wasn't held. It was held, it was well-attended, but that doesn't make it acceptable for the Press Club to enforce a partial gag by not allowing photos or videos to be shown.
— Deepanjana (@dpanjana) August 14, 2019
ग्रामीण क्षेत्रों में पत्रकारिता करने वाली वेबसाइट ख़बर लहरिया ने इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस का फेसबुक लाइव किया है.
कश्मीर में चल रहे हालातों को बयान करते जीन द्रेज़, कविता कृष्णन, मैमूना मोल्लाह और विमलभाई
Khabar Lahariya ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಬುಧವಾರ, ಆಗಸ್ಟ್ 14, 2019
हफ़िंगटन पोस्ट से जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात के बारे में चर्चा करते हुए कविता कृष्णन ने कहा कि साफ़ तौर पर कश्मीर की स्थिति इराक और फ़िलिस्तीन जैसी हो गई है.
आगे उन्होंने कहा, “हालत बहुत ही गंभीर है. कश्मीर सैनिक घेराबंदी में है. हर गली, चौराहे और घरों के बाहर पैरामिलिट्री बल तैनात हैं. स्थिति सच में बहुत ही चिंताजनक है. किसी भी व्यक्ति के लिए बोलने या शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन की गुंजाइश नहीं है.”
आगे उन्होंने कहा, “कश्मीर घाटी में हमें एक भी आदमी ऐसा नहीं मिला जो इस फ़ैसले से खुश हो. लोग मीडिया कवरेज से भी नाराज थे..इसे कश्मीरी लोगों के अपमान और उनके ख़िलाफ़ हिंसा के तौर पर देखा जा रहा है.”