बिहार में पत्रकारिता का मूलमंत्र हो गया है- जो विज्ञापनदाता है वही माता-पिता है- राजद
बुधवार को तेजस्वी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेस कर नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश की थी.

मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम को लेकर तेजस्वी द्वारा किए गए प्रेसवार्ता को अख़बार में जगह नहीं देने पर राजद ने अख़बारों को खरी-खोटी सुनाई है. पार्टी के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट के ज़रिए कहा गया, “बिहार में पत्रकारिता का मूलमंत्र हो गया है- जो विज्ञापनदाता है वही माता-पिता है.”
ट्वीट में आगे अख़बारों पर आरोप लगाए गए कि सरकारी विज्ञापन बंद होने के डर से ज़्यादातर अख़बार नीतीश कुमार पर मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड में CBI जाँच की ख़बर को दबा रहे है. बिहार मे प्रिंट पत्रकारिता अब तक के सबसे ख़राब दौर से गुज़र रही है.
बिहार में पत्रकारिता का मूलमंत्र हो गया है:
जो विज्ञापनदाता है वही पिता-माता है।सरकारी विज्ञापन बंद होने के डर से ज़्यादातर अख़बार नीतीश कुमार पर मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड में CBI जाँच की ख़बर को दबा रहे है।बिहार मे प्रिंट पत्रकारिता अब तक के सबसे ख़राब दौर से गुज़र रही है https://t.co/ONaqyR745Q
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) February 20, 2019
वहीं तेजस्वी ने भी इस मामले में ट्वीट कर अख़बारों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि “नीतीश कुमार के सरकारी नमक का कर्ज़ विज्ञापन के रूप में चुका रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक-दो अख़बारों को छोड़कर किसी में हिम्मत नहीं कि नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ कोई ख़बर छाप दें. ख़ैर, हम तो फिर भी प्रार्थना करते है कि भगवान उन्हें और मुनाफ़ा व बरकत दें.”
विज्ञापन के रूप में खाए नीतीश कुमार के सरकारी नमक का क़र्ज़ा जो चुकाना है।
एक-दो को छोड़कर किसी में इतनी नैतिक और सैद्धांतिक हिम्मत नहीं कि नीतीश कुमार के विरुद्ध उनके नाम से कोई ख़बर अख़बार में छाप दें। ख़ैर, हम तो फिर भी प्रार्थना करते है कि भगवान उन्हें और मुनाफ़ा व बरकत दें। https://t.co/2HtoQBjiKa
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 20, 2019
दरअसल, बीत बुधवार को तेजस्वी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेस कर नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश की थी. तेजस्वी ने कहा था कि इस मामले में नीतीश कुमार और उनकी करीबियों की सीधी संलिप्तता है.