लोकतंत्र में छल, कपट, बल का उपयोग लोकतांत्रिक नियमों का उल्लंघन: धारा 370 हटाने पर बोले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
‘सभी दलों को बातचीत का हिस्सा बनाना चाहिए. एकतरफा निर्णय से विवाद पैदा होता है.’

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है. लेकिन फैसले लिए जाने के तौर-तरीके पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की है. अखिलेश यादव ने कहा है कि यह फैसला लोकतांत्रिक नियमों का उल्लंघन है.
सपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि, ‘देश की एकता और अखंडता को मजबूती प्रदान करने की दिशा में उठाए गए किसी भी कदम का स्वागत है. लेकिन लोकतंत्र में छल, कपट, बल का उपयोग लोकतांत्रिक नियमों का उल्लंघन है. सहमति और भरोसे से फैसले होने चाहिए. सभी दलों को बातचीत का हिस्सा बनाना चाहिए. एकतरफा निर्णय से विवाद पैदा होता है.’
Any move that seeks to strengthen the integrity of India is to be welcomed. But in a democracy decisions must be made by consensus, not by threat, force or fear. All parties should be part of talks and due process. Nothing should be unilateral for that only leads to more strife.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 5, 2019
बता दें कि मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A को हटा दिया है. इसके पहले जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को नज़रबंद किया गया था. सरकार ने जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा भी दिया है. राज्यसभा में कांग्रेस, पीडीपी सहित वामदलों ने इस विधेयक के ख़िलाफ़ मतदान किया है.