पैर धोने की बजाय हमारी सुरक्षा पर ध्यान दें मोदी जी, दिल्ली में सफाईकर्मियों का विरोध प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों ने अपनी सुरक्षा, आधुनिक उपकरण और पेंशन की मांगें उठाई हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुंभ में सफाईकर्मियों के पैर धोने के एक दिन बाद सोमवार (25 फरवरी) को अपनी सुरक्षा, आधुनिक उपकरण और पेंशन जैसी मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों ने कहा कि पीएम मोदी को पैर धोने के बजाय उनकी “वास्तविक जरूरतों” पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था.
Go NEWS24X7 के संवाददाता से बातचीत करते हुए आगरा के एक सफाई कर्मचारी ने कहा कि सिर्फ 6000-7000 रुपए के लिए हमारे लोग (सफ़ाईकर्मी) सेप्टिक टैंक में मर रहे हैं. सरकार इन मौतों को पूरी तरह से अनदेखा कर रही है. आज हमारे लोगों के पास सेप्टिक टैंक में उतरने और उपयोग करने के लिए उचित उपकरण नहीं हैं. जबकि विदेशों में इस तरह के काम के लिए मशीनों का उपयोग किया जाता है. हम कहते हैं कि हमारा देश विकसित हो रहा है, लेकिन सफाई कर्मचारी हर रोज मर रहे हैं.
एक अन्य सफाई कर्मचारी ने बताया कि सफाई करने के दौरान आंखों को ढकने के लिए चश्मे, दस्ताने, उचित जूते, टोपी और मास्क की आवश्यकता होती है. सीवर में होने वाली मौत दर्दनाक होती है, उसमें मुआवजा भी नहीं मिलता है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सीवर में जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवार में किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए. लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने आगे कहा कि अगर हमारे पैरों को धोने की बजाय मोदीजी ने हमारे आंसू पोंछे होते तो हमें बेहतर महसूस होगा.
स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने भी इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में स्वच्छता कर्मचारियों की स्थिति खराब हो गई है. सरकार ने हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास के लिए एक रुपया भी जारी नहीं किया है.
पीएम मोदी द्वारा सफाई कर्मियों के पैर धोने पर एक दिन पहले योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया था.
Thanks for washing their feet, @PMOIndia
Now do you want to listen to their man ki baat?
Thousands of Safai workers are coming to Jantar Mantar today to demand:
* End to sewer deaths
* Better working conditions
* Implementation of reservations
* Sub quota for Safai communities https://t.co/65QWTQQPoA— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 25, 2019
सीवर सफाई कर्मचारियों की मौत कब तक? आज जब राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र बना रहे हैं, क्या वे सीवर कर्मचारियों की लगतार हो रही मौतों से उद्वेलित हैं? क्या कोई भी दल पूरी ईमानदारी से इस समस्या का कोई समाधान सुझा सकता है? #SayNoToSewerDeathshttps://t.co/8a88CwD8W1
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 25, 2019