24 घंटे से धरने पर बैठी प्रियंका गांधी से मिलकर भावुक हुए सोनभद्र के पीड़ित, साझा किया दर्द
प्रियंका गांधी ने कहा कि यू.पी. पुलिस को उन्हें सोनभद्र तक पहुंचने से रोकने के लिए ऊपर से आदेश दिया गया था.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार (20 जुलाई) को भी अपना धरना जारी रखा है. बता दें कि बीते शुक्रवार को प्रियंका सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जा रही थी. लेकिन, मिर्जापुर में ही उन्हें रोक दिया गया. विरोध करने पर राज्य पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
इसी बीच ख़बर आ रही है सोनभद्र पीड़ितों से मिलने की जिद पर अड़ी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिलने के लिए पीड़ित चुनार किला पहुंच गए हैं. गांधी ने पीड़ितों से मिर्जापुर गेस्ट हाउस में मुलाकात की. पीड़ितों से मिलकर कांग्रेस महासचिव भावुक हो गई. वहीं, पीड़ितों ने भी अपना दर्द प्रियंका से साझा किया.
दरअसल, पहले पीड़ितों को गेट पर ही यूपी पुलिस ने रोक दिया था.. सिर्फ दो लोगों को अंदर आने की अनुमति दी गई. इसके बाद प्रियंका गांधी पीड़ितों से मिलने के लिए जबरदस्ती गेट की तरफ बढ़ी. लेकिन, पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. इस दौरान खींचतान की स्थिती पैदा हो गई और धक्का-मुक्की होने लगी. इसके बाद प्रियंका एक बार फिर धरने पर बैठ गई.
बता दें कि पिछले 24 घंटे से प्रियंका गांधी मिर्जापुर के चुनार किला में पुलिस हिरासत में रखी गई थी. जहां रात में बिजली भी काट दी गई थी. लेकिन, प्रियंका पीड़ितों से मिलने की जिद पर अड़ी रही.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने कहा, “24 घंटे हो गए हैं. जब तक मुझे सोनभद्र के पीड़ितों से मिलने की अनुमति मुझे नहीं दी जाती. तब तक मैं नहीं जाउंगी.”
Mirzapur: Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra & party workers continue to sit on dharna at Chunar Guest House. She says, "It has been 24 hours. I am not going to leave until & unless I am allowed to meet the victims of Sonbhadra's firing case." pic.twitter.com/mXVDBxutma
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
मिर्जापुर के चुनार किला में रात में बिजली भी काट दी गई थी. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें पीड़ित परिवार मिले बगैर ही चले जाने को कहा है. प्रियंका ने कहा, “मुझे हिरासत में रखने का ना कोई आधार दिया है और ना ही कागजात.”
उप्र सरकार ने ADG वाराणसी श्री बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर श्री दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मीरजापुर, DIG मीरजापुर को मुझे ये कहने के लिए भेजा कि मैं यहाँ से पीड़ित परिवारों से मिले बग़ैर चली जाऊँ। सब एक घंटे से मेरे साथ बैठे हैं। न मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है न कागज़ात दिए
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने कहा कि मेरी गिरफ़्तारी पूरी तरह से गैर-कानूनी है. मैंने किसी धारा का कोई उल्लंघन नहीं किया है. मैं सिर्फ सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने आई थी.
मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी सरकार के दूतों से कहा है कि बग़ैर मिले मैं यहाँ से वापस नहीं जाऊँगी।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
बता दें कि प्रियंका गांधी ने बीते शुक्रवार को ट्वीट कर बताया, “यूपी प्रशासन द्वारा मुझे 9 घंटे से गिरफ़्तार कर चुनार किले में रखा हुआ है. प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत राशि देनी है. ऐसा नहीं करने पर मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी. लेकिन वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे. ऐसा उन्हें ऊपर से ऑर्डर मिल है.”
उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
शनिवार सुबह प्रियंका गांधी ने सोनभद्र के पीड़ितों का एक विडियो शेयर किया और उन्होंने पूछा, “क्या इनके आंसू पोछना अपराध है.”
क्या इन आँसुओं को पोंछना अपराध है? pic.twitter.com/HdPAEkGJGj
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 20, 2019
ग़ौरतलब है कि, बीते 17 जुलाई को भूमि विवाद में 10 आदिवासी किसानों की हत्या कर दी गई थी और 24 से अधिक घायल हो गए थे. गांव के मुखिया यज्ञ दत और उनके सहयोगियों ने आदिवासी किसानों पर गोलीबारी की. क्योंकि, कथित आदिवासियों ने अपना ज़मीन देने से इनकार कर दिया था.
यज्ञ दत्त ने कथित तौर पर ज़मीन पर कब्जा करने के लिए 32 ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर लगभग 200 लोगों को भरकर लाया था. आदिवासियों किसानों के विरोध करने पर उनलोगों ने करीब आधे घंटे तक किसानों पर गोलीबारी की. वहीं इस मामले को लेकर यज्ञ दत्त का दावा है कि उसने 10 साल पहले स्थानीय परिवार से उस ज़मीन को खरीदा था.