इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव-इन रिश्ते में रह रही लड़कियों को दी राहत, कहा- पुलिस सुरक्षा देने पर करे विचार
लिव-इन में रह रही दो लड़कियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने परिजनों से जान को खतरा होने की बात कही थी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियों को सुरक्षा देने के लिए मेरठ पुलिस को विचार करने का आदेश दिया है. दरअसल लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली मेरठ की दो लड़कियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपने परिजनों से जान का खतरा होने का हवाला देते हुए याचिका दाखिल की थी.
नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार लड़कियों ने याचिका में कहा है कि वे दोनों बालिग हैं और साल 2013 से जीवनसाथी की तरह रह रही हैं, लेकिन उनके परिजन इस संबंध से नाराज़ हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं. लड़कियों का कहना है कि उन्हें अपने परिजनों से जान का खतरा है. दोनों ने मेरठ पुलिस पर मदद न करने का भी आरोप लगाया. लड़कियों ने कहा कि पुलिस को जानकारी है कि उनकी जान को खतरा है लेकिन बावजूद इसके पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है.
याचिकर्ताओं का कहना है कि उनके माता-पिता, समाज में अपनी छवि को लेकर इस रिश्ते से खुश नहीं हैं. लड़कियों ने बताया कि एक-दूसरे के साथ रहने के लिए उन्होंने मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (समझौता पत्र) भी तैयार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें साथ रहने का मौलिक अधिकार प्राप्त है. दोनों की जान को खतरा देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के एसएसपी को एक सप्ताह के भीतर लड़कियों की याचिका पर फ़ैसला करने करने का आदेश दिया है.