पश्चिम बंगाल: उचित वेतन सहित कई मांगों को लेकर 1 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे 2 लाख से ज्यादा जूट मिल मजदूर
हड़ताल से लगभग 4.5 लाख जूट उत्पादकों के प्रभावित होने की संभावना

सरकार और मिल मलिकों के निराशाजनक रवैये से नाराज़ पश्चिम बंगाल के जूट मिल मजदूरों ने 1 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. राज्य भर के लगभग 2.5 लाख जूट मिल कर्मचारियों के इस हड़ताल में भाग लेने से, लगभग 4.5 लाख जूट उत्पादकों के प्रभावित होने की संभावना है.
न्यूनतम वेतन एक्ट को लागू करने और जूट उद्योग में मजदूरी संशोधन जैसी मांगो को लेकर ये सभी कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. न्यूज़ क्लिक की खबर के मुताबिक 2011 के बाद से श्रमिकों के लिए मजदूरी संशोधन नहीं हुआ है. आज भी उन्हें हर दिन का केवल 257 रुपये ही मिलता है.
एक संवाददाता,सम्मेलन में बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के महासचिव अनादि साहू ने बताया कि 21 ट्रेड यूनियनों का संयुक्त सम्मेलन, तीन दिनों में पश्चिम बंगाल श्रम विभाग और जूट मिल ओनर्स एसोसिएशन को इस हड़ताल के बारे में सूचित करेगा. साहू का कहना है कि श्रमिकों की लंबे समय से चली आ रही मांगो को लेकर, मिल मालिकों के संघ और श्रम विभाग का रवैया लचर रहा है.
साहू ने आगे आरोप लगाया कि मिल मालिकों ने रिटायरमेंट और पीएफ़ की बकाया राशि का लगभग 1,050 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है. कई मामलों में, श्रमिकों के रिटायरमेंट के 10 से 15 साल बाद भी इस तरह के बकाया भुगतान नहीं होते हैं. कई श्रमिकों की 35 से 40 साल इंतज़ार करने के बाद मौत हो चुकी है मगर उनके बकाये नहीं मिल पाए हैं. तीतागढ़ मिल के एक कर्मचारी नागेंद्र पासवान ने बताया कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कई यूनियनों के आग्रह के बाद भी उनकी दुर्दशा का जवाब नहीं दिया.
संयुक्त अधिवेशन में, कई लोगों ने 7 जनवरी की घटना पर ध्यान दिलाया, जहां सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक अर्जुन सिंह और तथाकथित उनके कुछ गुंडे, आतंकित माहौल में काम करने से इनकार करने पर नैहाटी, तीतागढ़, बैरकपुर क्षेत्र में मजदूरों को धमकाने और हमला करने के लिए गए थे.